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आरक्षण विधेयक को लेकर तीन दिन का अल्टीमेटम, जानें अगर राज्यपाल ने नहीं किए साइन तो क्या होगा?

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर सियासत तेज है। आरक्षण विधेयक को लेकर अब सर्व आदिवासी समाज ने भी अपना आक्रोश दिखाया है। बता दें कि इस विधेयक को लेकर राज्यपाल दिल्ली दौरे से वापस लौट कर आ चुकी हैं। इसके साथ ही राष्ट्रपति से चर्चा भी कर चुकी हैं। वहीं, सरकार का एक दल राज्यपाल से मुलाकात भी कर चुका है। जिसने यह भरोसा जताया है कि राज्यपाल जल्द से जल्द आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर कर सकती हैं। वहीं, दूसरी ओर सर्व आदिवासी समाज अभी भी नाराज दिख रहा है। सर्व आदिवासी समाज ने 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है। सर्व आदिवासी समाज ने कहा कि 3 दिनों के अंदर हस्ताक्षर नहीं होने पर प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर शुरू से ही राजनीति तेज है। राज्यपाल बीते दिनों दिल्ली दौरे पर थीं। जहां उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। जिस पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में पारित आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर भी चर्चा हुई है। राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। उसमें जवाब आना बाकी है उसके बाद में फिर विचार करूंगी।

प्रेम सिंह टेकाम ने की मुलाकात
वहीं, दूसरी ओर सरकार की तरफ से मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के नेतृत्व में आदिवासी विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात को सकारात्मक बताया है। मंत्री टेकाम ने कहा कि सभी आदिवासी विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात कर विधेयक पर हस्ताक्षर करने का आग्रह किया गया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बहुत सारी नियुक्तियां और भर्तियां रुकी हुई हैं। सरकार से कुछ जानकारी मांगी गई है। जानकारी मिलने के बाद तुरंत हस्ताक्षर करने की बात राज्यपाल ने कही है।
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सीएम ने कहा था छात्रों का भविष्य अटका
वहीं, इस विधेयक को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि राज्यपाल को जल्द साइन कर देना चाहिए। क्योंकि छात्रों के भविष्य का सवाल है। बहुत सारी भर्तियां होना बाकी है ऐसे में नया आरक्षण बिल लाकर उसे सर्व सहमति से विधानसभा में विशेष सत्र बुलाकर पारित किया गया है।

रिपोर्ट- रोहित बर्मन

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