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कवासी लकमा ने कहा- राज्यपाल सच्ची आदिवासी हैं तो आरक्षण बिल पर करें साइन, जानें कहां फंसा है मामला

रायपुर: छत्तीसगढ़ में आरक्षण बिल इन दिनों राजनीति का बड़ा विषय बन गया है। इस बिल को लेकर सरकार अब राजभवन पर तीखे बोल बोल रही है। मुख्यमंत्री के बयान के बाद अब छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कावासी लखमा ने सीधे तौर पर राज्यपाल पर हमला बोला है। जगदलपुर में लकमा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि राज्यपाल RSS और बीजेपी की राजनीति में फंस गई है। मंत्री ने कहा कि राज्यपाल, राजनीतिक माया जाल में फंस गई हैं। दरअसल, आरक्षण विधेयक पर अभी तक राज्यपाल ने साइन नहीं किए हैं जिसे लेकर प्रदेश की राजनीति तेज हो गई है।

कावासी लखमा ने कहा- राज्यपाल अनुसुइया उइके आरएसएस और बीजेपी की राजनीति में नाच रही हैं वे राजनीतिक मायाजाल में पूरी तरह से फंस चुकी हैं। आर एस एस और बीजेपी ने उन्हें फंसा दिया है।

क्यों नहीं कर रही हैं दस्तखत
कवासी लकमा ने कहा कि लोकसभा में अगर कोई बिल पास होता है तो उस पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर करते हैं। विधानसभा में जो बिल पास हुआ है उसको लेकर राज्यपाल अब तक दस्तखत क्यों नहीं कर रही हैं। राज्यपाल आरक्षण बिल की फाइल को लेकर क्यों प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के पास जा रही हैं। लकमा ने कहा कि मुझे राजनीति करते हुए आज 24 साल पूरे हो गए हैं। मैं लगातार विधायक हूं।

मैंने अपने राजनीतिक कार्य में आज तक ऐसा नहीं देखा है। भाजपा और RSS के इशारों पर राज्यपाल नाच रही हैं। इतना ही नहीं कावासी लखमा ने राज्यपाल को लेकर यह कहा कि अगर सच्ची आदिवासी हैं तो आरक्षण बिल पर अपने दस्तखत करें।
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1 दिसंबर को पास हुआ था विधेयक
छत्तीसगढ़ विधानसभा में 1 दिसंबर को आरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से पास हुआ था। छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। विधेयक को राज्यपाल के पास साइन के लिए भेजा गया है। लेकिन अभी तक राज्यपाल ने इस विधेयक पर साइन नहीं किए हैं। राज्यपाल के साइन होते ही राज्य में यह आरक्षण प्रक्रिया लागू हो जाएगी।

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