वहीं, मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही इस लापरवाही के लिए पुलिस निर्माण कंपनी की जांच कर रही है। यह फ्लाईओवर रायुपर से करीब 17 किमी दूर कुम्हारी शहर में बनाया जा रहा है। निर्माणाधीन फ्लाईओवर के एक किनारे को लापरवाही के चलते अधूरा छोड़ दिया और वहां कोई बैरिकेड नहीं किया। पुलिस ने बताया कि पहली नजर में फ्लाईओवर ट्रैफिक के लिए तैयार नजर आता है।
पीड़िता आजुराम देवांगन और उनकी पत्नी निर्मला अपनी बाइक पर भिलाई में एक शादी से रायपुर लौट रहे थे। गलती से फ्लाईओवर से जा गिरे। अंधेरे और कोहरे में वे यह नहीं देख पाए कि पुल का किनारा कुछ दूरी पर जाकर खत्म हो रहा है। पिलर नंबर 48 को पार करने के बाद सड़क बंद है। परिवार फ्लाईओवर से 30 फीट नीचे गिर गया। आजूराम एक पिलर से लटक गया और उसकी मौत हो गई। उनकी पत्नी और बेटी सड़क पर गिर गई। निर्मला की मौके पर ही मौत हो गई लेकिन जब स्थानीय लोगों ने उसे देखा तो बच्ची की सांसें चल रही थीं।
कार भी हादसे का शिकार
वहीं, दो घंटे बाद एक कार फ्लाईओवर के ऊपर आई और उड़ती हुई चली गई। कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और एयरबैग की वजह से चालक बच गया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि दो मौतों के बाद फ्लाईओवर पर बैरिकेडिंग क्यों नहीं की गई।
सीएम ने दुख व्यक्त किया
सीएम भूपेश बघेल ने घटना पर दुख व्यक्त किया है। साथ ही घायल बच्ची को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने जिला प्रशासन को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही सुरक्षा के सुनिश्चित उपाय करने को कहा है। पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई है कि कोई चेतावनी संकेत और बैरिकेड्स नहीं थे।
चार साल है परेशानी का सबब
दरअसल, बीते चार साल से इस फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है। धीमी गति के कारण चार साल से यात्रियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। इस क्षेत्र को निर्माण ने धूल के कटोरे में बदल दिया है। सड़क पर गड्ढों की वजह से अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। निर्माण के कारण संकरी सड़कें, खराब यातायात प्रबंधन और निर्माण वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग एक बड़ी समस्या बनी हुई है।
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