देवे बारसे से पहले जो सरपंच थे वो भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे। उन्होंने साढ़े तीन साल में ही अपना पद छोड़ दिया था। इसके पीछे भी कारण नक्सली दबाव ही था। दरअसल गांव में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं जो नक्सलियों को पसंद नहीं है। इसके बाद नक्सलियों ने पुराने सरपंच को चेतावनी देते हुए पद और गांव छोड़कर जाने का फरमान जारी किया था। इसके बाद पुराने सरपंच हमेशा के लिए छत्तीसगढ़ छोड़कर तेलंगाना में शिफ्ट हो गए।
क्यों धमकी दे रहे हैं नक्सली
भले ही पुलिस जिले के नक्सल मुक्त होने का दावा कर रही है लेकिन ये दावे इस इलाके में खोखले साबित हो रहे हैं। समेली से रेवाली तक नक्सलियों ने सड़क किनारे पेड़ों पर बड़ी संख्या में पर्चे लगाये हैं। दो दिन पहले लगाये गये इन पर्चों को अब तक नहीं हटाया जा सका है। ऐसे में इस इलाके में पुलिस की पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस इलाके में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा एक पक्की सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। इस सड़क का निर्माण शुरू होने के बाद से नक्सली काफी नाराज चल रहे हैं। इसी सड़क की वजह से ही नक्सलियों ने सरपंच पति को मौत के घाट उतार दिया तो वहीं अब सरपंच पर पद छोड़ने के लिये दबाव बनाया जा रहा है।
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महिला सरपंच के पति की नक्सलियों ने की थी हत्या
दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने नवभारत टाइम्स से बातचीत में बताया कि पुलिस की लगातार गश्ती चल रही है। इस इलाके में नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। कुछ दिन पहले कुख्यात नक्सलियों ने भी सरेंडर किया था। महिला सरपंच के पति की कुछ दिन पहले नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। महिला सरपंच देवे से संपर्क में हैं। मैं स्वयं उस इलाके में दौरा करने के लिए गया हुआ था।
रिपोर्ट- सोमेश पटेल