
मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यहां पहली बार 2003 में चुनाव हुए थे। अब तक इस सीट में 4 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 2003 में सबसे पहले बीजेपी के देवलाल दुग्गा ने जीत दर्ज की थी। 2008 में बीजेपी के ब्रह्मानंद नेताम ने जीत दर्ज की। इसके बाद से इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा बन गया। 2013 के चुनाव में कांग्रेस के मनोज मंडावी ने जीत दर्ज की। 2018 में फिर से मनोज मंडावी ने जीत दर्ज की।
1962 में बनी थी सीट
अविभाजित मध्यप्रदेश में साल 1962 में भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट बनी थी। इस सीट में कांग्रेस ने छह बार जीत दर्ज की है। कांग्रेस और भाजपा ने यहां से लगातार दो बार जीत तो दर्ज की पर कभी लगातार तीन बार नहीं जीत पाईं। इस सीट पर कांग्रेस की लगातार तीसरी बार जीत इस बात को साबित करती है कि यह सीट कांग्रेस का गढ़ बनती जा रही है। भानुप्रतापपुर की जीत कांग्रेस के लिए इसलिए भी अहम है कि अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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कैसा रहा रिजल्ट
भानुप्रतापुर उपचुनाव में कांग्रेस की सावित्री मंडावी ने बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को 21,171 वोटों से हरा दिया। सावित्री मंडावी को कुल 65, 327 वोट मिले। बीजेपी प्रत्याशी ब्रह्मानंद नेताम को 44,229 वोट मिले। वहीं, बड़ी बात रही पहली बार चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय प्रत्याशी अकबर राम कोर्राम ने 23,371 वोट हासिल किए।
रिपोर्ट- रोहित बर्मन