रायपुर: छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर पहले से ही हंगामा चल रहा था। वहीं, शुक्रवार को बड़ी ही गहमागहमी के बाद छत्तीसगढ़ विधानसभा में आरक्षण विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। विधानसभा में सुबह से ही आरक्षण विधेयक पर चर्चा शुरू होते ही पूर्व मंत्री और वर्तमान मंत्री आपस में भिड़ गए। इसके बाद विधानसभा को कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया था। लेकिन दोबारा शुरू हुई विधानसभा की कार्रवाई में आरक्षण विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।अब अगर छत्तीसगढ़ में आरक्षण को लेकर बात करें तो अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 13 प्रतिशत, पिछड़ा वर्ग के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने लोकसेवा आरक्षण और शैक्षणिक संस्था प्रवेश में आरक्षण विधेयक सदन में लाया। सदन में चर्चा के पश्चात सर्वसम्मति से विधेयक पारित हुआ। आसंदी से अध्यक्ष ने सभी सदस्यों को दी बधाई।
केंद्र सरकार के पास जाकर करेंगे नौवीं अनुसूची में शामिल करने की बात- सीएम
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पिछली सरकार ने इसे सर्कुलर के रूप में जारी किया था हमने एक्ट बनाया है। जनगणना होती है तो जनगणना के अनुसार ही आरक्षण का उचित लाभ दिलाया जाएगा। जिला स्तर पर दिया जाएगा लाभ, जिन जिलों में ओबीसी की संख्या ज्यादा होगी वहां उन्हें 27% आरक्षण का लाभ मिलेगा। विधानसभा के सदस्यों से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपील की, सभी केंद्र सरकार के पास जाकर नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए बात करेंगे ताकि प्रदेश के लोगों को इसका लाभ मिल सके।