मोनिका ने कई सुप्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी गीतों में अपनी आवाज दी थी। उसके कई गाने बाजार में अब भी हिट चल रहे हैं और कुछ अभी रिलीज होने वाले हैं। मोनिका की सुमधुर यादें लाइव अब कभी सुनाई नहीं देगी। वहीं, इलाज के लिए मदद करने छत्तीसगढ से पद्मश्री अनुज शर्मा आगे आए थे। साथ ही सोशल मीडिया पर भी लोगों से मदद की अपील की थी।
‘भजन के साथ पिता ने दी अंतिम विदाई’
मोनिका के पिता प्रमोद खुरसैल पेशे से वकील हैं और वह उसके पहले गुरु भी हैं। पिता ने मोनिका के मौत के बाद उसकी याद और उसे अंतिम विदाई देने के लिए भजन संध्या का आयोजन कर रुहासी आवाज से उसे गीतों के माध्यम से विदाई दी। पिता ने बेटी के मृत देह के सामने खड़े होकर उसे गीतों के माध्यम से याद करते हुए होनी को सच बताया। उन्होंने बताया कि मौत तय है लेकिन इसका कोई समय तय नहीं है। मौत तो सबको आनी है, लेकिन कैसे कब और कहा आएगी ये तय नहीं है।
कौन थी मोनिका
बिलासपुर की रहने वाली मोनिका खुरसैल ने कई छत्तीसगढ़ी गानों में आवाज दी हैं। रायपुर बिलासपुर में अनगिनत स्टेज शो, सोशल मीडिया पर कई लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी एक्टर्स के साथ इनके कोलैब वीडियो हैं। मगर जब जिंदगी मुश्किल में थी तो साथ देने वाला कोई नहीं था।
मोनिका ने अरपा पैरी धार, मेरी खुशी, होली के गीत डारन, बाबा साहेब जैसे कई सुप्रसिद्ध गीतों में अपनी आवाज दी है। सिंगर मोनिका के दोस्त अब खुद को अकेला महसूस करने लगे है। उन्होंने बताया कि मोनिका उनके बीच नहीं है, इस बात का एहसास उन्हें इस तरह से तोड़ रहा है, जैसे उनके जीवन का आधार ही खत्म हो गया है। मोनिका के साथ काम करने वाले उसके साथी उसे याद कर उसके लिए आंसू बहा रहे हैं।
सोमेश पटेल की रिपोर्ट
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