किन जिलों के अध्यक्षों को बदला गया
राजधानी रायपुर के अलावा भिलाई, राजनांदगांव, नारायणपुर, मोहला मानपुर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, कोरिया, जशपुर, सारंगढ़, सुकमा, सक्ती, जांजगीर-चांपा के जिला अध्यक्षों को बदला गया है।
कौन कहां से संभालेगा जिम्मेदारी
जयंती पटेल को रायपुर शहर, बृजेश ब्रिजपुरिया को भिलाई, रमेश पटेल को राजनांदगांव, कृष्णकांत चंद्रा को सक्ती, गुलाब चंदेल को जांजगीर-चांपा, रूपसाय सलाम को नारायणपुर, कृष्ण बिहारी जायसवाल को कोरिया, सुनील गुप्ता को जशपुर, सुभाष जालान को सारंगढ़, धनीराम बारसे को सुकमा, संजीव शाह को मोहला-मानपुर, धम्मन साहू को खैरागढ़-छुईखदान-गंडई और अनिल केशरवानी को मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी का जिला अध्यक्ष बनाया गया है।
कई बदलाव कर चुकी है बीजेपी
छत्तीसगढ़ में भाजपा के गुटीय प्रबंधन को तोड़ते हुए राष्ट्रीय नेतृत्व ने पहले प्रदेश अध्यक्ष उसके 8 दिन बाद नेता प्रतिपक्ष और उसी महीने के भीतर प्रदेश की प्रभारी की कुर्सी पर बैठे लोगों को बदल दिया था। उसके बाद अब प्रदेश भाजपा इकाई में बड़ा फेरबदल भी देखने को मिला था। जिसमें युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष को भी बदल दिया गया था। उसके बाद अब जिला इकाई का बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है।
ओम माथुर को मिला है प्रदेश का प्रभार
दरअसल, राष्ट्रीय नेतृत्व छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी की सक्रियता पर लगातार सवाल खड़े कर रहा था। लगातार प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ आक्रामक बयानबाजी उल्टा भारतीय जनता पार्टी की मुसीबत बन रही थी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में भाजपा में खासा गुटीय प्रबंधन देखने को मिल रहा था। नतीजा यह हुआ कि 9 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को हटाते हुए अरुण साव को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया। वहीं, छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को हटाकर पार्टी ने नारायण चंदेल जिम्मेदारी दी। जेपी नड्डा के छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी देवी को बदलकर ओम माथुर को नया प्रभारी बनाया गया। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ब्लॉक स्तर तक बड़े फेरबदल कर सकती है।
जातिगत समीकरण साधने की कोशिश
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर केवल 1 साल का समय बचा है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी सियासी और जातिगत समीकरण को साधने की कोशिश में है। छत्तीसगढ़ में एक बड़ा वोटबैंक ओबीसी वर्ग से आता है। माना जाता है कि वह वोटर छत्तीसगढ़ में विनिंग फैक्टर के रूप में होता है। ऐसे में भाजपा ओबीसी वर्ग को साधने में जुट गई है। जिसका नतीजा अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष और नारायण चंदेल को नेता प्रतिपक्ष बनाने के रूप में भी देखा जा सकता है।