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Agniveer: दिल्ली हाईकोर्ट में मोदी सरकार की बड़ी जीत, सेना में अग्निवीर योजना के खिलाफ दाखिल सभी अर्जियां खारिज

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में मोदी सरकार को बड़ी जीत हासिल हुई है। सेना में अग्निपथ स्कीम के जरिए अग्निवीरों की भर्ती के खिलाफ दाखिल अर्जियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने सभी 23 अर्जियों को खारिज कर दिया। दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निवीर स्कीम के खिलाफ दाखिल अर्जियों को खारिज करते हुए कहा कि योजना में हस्तक्षेप की फिलहाल उसे कोई वजह नहीं दिख रही है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रहमण्यम प्रसाद की बेंच ने अग्निवीर योजना के खिलाफ दाखिल अर्जियों पर सुनवाई की थी। अग्निवीर योजना के खिलाफ दाखिल अर्जियों में इसके विरोध में कई तरह की बातें कही गई थीं। कोर्ट ने कहा कि ये सेना के भविष्य और उसके ताकतवर बनाने के लिए शुरू की गई है।

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केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर की भर्ती की योजना 14 जून 2022 को लागू की थी। इस योजना के तहत सेना, नौसेना और वायुसेना में 4 साल के लिए अग्निवीरों की भर्ती की जा रही है। भर्ती किए जा रहे अग्निवीरों में से 25 फीसदी को उनके कामकाज के आधार पर सेना में आगे भी रखा जाएगा। बाकी को करीब 12 लाख रुपए 4 साल की सेवा के बाद मिलेंगे। इस योजना में अग्निवीरों को कोई पेंशन नहीं दी जाएगी। हालांकि, 4 साल की सेवा के दौरान अग्निवीरों को तनख्वाह के साथ अन्य जवानों को मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलेंगी।

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अग्निवीर योजना को पहले सीडीएस रहे जनरल बिपिन रावत ने तैयार किया था। उनके निधन के बाद योजना को लागू किया गया। अग्निवीरों की भर्ती के खिलाफ विपक्षी दलों ने खूब हंगामा किया था। इसके अलावा जगह-जगह इसके विरोध में हुए आंदोलन के दौरान हिंसा भी हुई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने साफ कर दिया था कि वो अग्निवीर योजना को वापस नहीं लेगी। इसके बाद अग्निवीरों का पहला बैच सेना, नौसेना और वायुसेना में शामिल भी किया गया है।

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