स्लाइडर

Indore News: इंदौर के जिला अस्पताल में पदस्थ है 79 डाॅक्टर, कलेक्टर पहुंचे तो चार मिले

ख़बर सुनें

इंदौर के निर्माणाधीन जिला अस्पताल में कलेक्टर इलैया राजा टी अचानक जा पहुंचे। उन्हें वहां ज्यादातर डाक्टर गायब मिले औरमरीजों के बैठने व पीने के पानी के पर्याप्त इंजताम भी नहीं मिले। गायब डाक्टरों को अब नोटिस थमाए जा रहे है।

कलेक्टर इलैया राजा टी अन्य अफसरों के साथ धार रोड के जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले अेापीडी का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां फैली अव्यवस्था से कलेक्टर नाराज नजर आए। अस्पताल में न तो मरीजों के बैठने के लिए पर्याप्त इंतजाम थे और न ही पीने के पानी की सुविधा। इसके बारे में जब उन्होंने सिविल सर्जन से पूछा तो वे इधर-उधर बगले झांकने लगे। संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पाए। कलेक्टर ने अस्पताल में मरीजों के लिए दवा और उपचार के अन्य सामान की जानकारी ली।

एक अधिकारी से कलेक्टर ने पूछा कि अस्पताल में कितने डाॅक्टर पदस्थ है। अधिकारी ने बताया कि 79 डाॅक्टर पदस्थ है। तब कलेक्टर ने कहा कि मौके पर तो तीन-चार डाॅक्टर नजर आ रहे है। कलेक्टर ने डाॅक्टरों की गैैरमौजूदगी के बारे में फिर सिविल सर्जन से पूछा तो वेे ठीक से जवाब नहीं दे पाए। एक डाॅक्टर से कलेक्टर ने यह तक कह दिया कि मरीज यहां डाॅक्टरों की शक्ल देखने नहीं, उनका इलाज कराने आते है। जितना वेतन मिलता है, उतना काम तो करना ही चाहिए।

व्यवस्था से अंसतुष्ट कलेक्टर ने सतीश नीमा व एक अन्य डाक्टर को नोटिस जारी किया। वही आरएसएस से जुड़े एक डाक्टर को कलेक्टर ने खुद फोन लगाकर कहा कि जहां आप पदस्थ है, वहीं काम करें। इसके अलावा कलेक्टर ने अस्पतालों में हो रहे निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया।

अगले साल दिसंबर तक शुरू करें अस्पताल

कलेक्टर ने जिला अस्पताल की तीन साल से बन रही निर्माणाधानी बिल्डिंग का भी दौरा किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य मेें हो रही देरी पर भी असंतोष जाहिर किया। ठेकेदार पर अर्थदंड लगाने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने कहा कि अगले साल अक्टूबर तक अेापीडी और दिसंबर 2023 तक अस्पताल का संचालन होना चाहिए।

विस्तार

इंदौर के निर्माणाधीन जिला अस्पताल में कलेक्टर इलैया राजा टी अचानक जा पहुंचे। उन्हें वहां ज्यादातर डाक्टर गायब मिले औरमरीजों के बैठने व पीने के पानी के पर्याप्त इंजताम भी नहीं मिले। गायब डाक्टरों को अब नोटिस थमाए जा रहे है।

कलेक्टर इलैया राजा टी अन्य अफसरों के साथ धार रोड के जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले अेापीडी का निरीक्षण किया। इस दौरान वहां फैली अव्यवस्था से कलेक्टर नाराज नजर आए। अस्पताल में न तो मरीजों के बैठने के लिए पर्याप्त इंतजाम थे और न ही पीने के पानी की सुविधा। इसके बारे में जब उन्होंने सिविल सर्जन से पूछा तो वे इधर-उधर बगले झांकने लगे। संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पाए। कलेक्टर ने अस्पताल में मरीजों के लिए दवा और उपचार के अन्य सामान की जानकारी ली।

एक अधिकारी से कलेक्टर ने पूछा कि अस्पताल में कितने डाॅक्टर पदस्थ है। अधिकारी ने बताया कि 79 डाॅक्टर पदस्थ है। तब कलेक्टर ने कहा कि मौके पर तो तीन-चार डाॅक्टर नजर आ रहे है। कलेक्टर ने डाॅक्टरों की गैैरमौजूदगी के बारे में फिर सिविल सर्जन से पूछा तो वेे ठीक से जवाब नहीं दे पाए। एक डाॅक्टर से कलेक्टर ने यह तक कह दिया कि मरीज यहां डाॅक्टरों की शक्ल देखने नहीं, उनका इलाज कराने आते है। जितना वेतन मिलता है, उतना काम तो करना ही चाहिए।

व्यवस्था से अंसतुष्ट कलेक्टर ने सतीश नीमा व एक अन्य डाक्टर को नोटिस जारी किया। वही आरएसएस से जुड़े एक डाक्टर को कलेक्टर ने खुद फोन लगाकर कहा कि जहां आप पदस्थ है, वहीं काम करें। इसके अलावा कलेक्टर ने अस्पतालों में हो रहे निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया।

अगले साल दिसंबर तक शुरू करें अस्पताल

कलेक्टर ने जिला अस्पताल की तीन साल से बन रही निर्माणाधानी बिल्डिंग का भी दौरा किया। इस दौरान उन्होंने निर्माण कार्य मेें हो रही देरी पर भी असंतोष जाहिर किया। ठेकेदार पर अर्थदंड लगाने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने कहा कि अगले साल अक्टूबर तक अेापीडी और दिसंबर 2023 तक अस्पताल का संचालन होना चाहिए।

Source link

Show More
Back to top button