राफेल सौदे में बड़ा ‘धमाका’: बिचौलिए को दी गई थी 65 करोड़ रुपए की रिश्वत, जानकारी के बाद भी भारतीय एजेंसियों ने नहीं की कोई कार्रवाई!
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नई दिल्ली। फ्रांस की एक ऑनलाइन मैगजीन ‘मीडियापार्ट’ ने राफेल डील को लेकर बड़ा दावा किया है. पत्रिका ने एक नकली चालान प्रकाशित किया है जिसमें दावा किया गया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने सौदा करने के लिए भारतीय बिचौलिए सुशेन गुप्ता को लगभग 65 करोड़ रुपये (€ 7.5 मिलियन) की रिश्वत दी थी.
इसकी जानकारी सीबीआई और ईडी को थी, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दस्तावेज होने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया. इसके बाद भारत ने 36 राफेल विमानों का फ्रांस के साथ 59000 करोड़ रुपए में सौदा किया था.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें अपतटीय कंपनियां, संदिग्ध अनुबंध और नकली चालान शामिल हैं. मीडियापार्ट खुलासा कर सकता है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहयोगियों के पास अक्टूबर 2018 से सबूत हैं कि डसॉल्ट के पास बिचौलिए को सुशेन गुप्ता को कम से कम 65 करोड़ का गुप्त कमीशन दिया गया है.
मीडियापार्ट के अनुसार कथित नकली चालानों ने फ्रांसीसी विमान निर्माता डसॉल्ट एविएशन को भारत के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को सुरक्षित करने में मदद करने के लिए सुशेन गुप्ता को कम से कम 7.5 मिलियन यूरो यानी लगभग 65 करोड़ रुपए का भुगतान किया. इन दस्तावेजों के होने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने मामले में दिलचस्पी नहीं दिखाई और जांच शुरू नहीं की.
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