MP में 5वीं और 8वीं बोर्ड के नतीजे घोषित: 5वीं में 92.70% और 8वीं में 90.02% छात्र पास हुए

5th and 8th board results declared in MP: मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कक्षा 5वीं और 8वीं की बोर्ड पैटर्न परीक्षाओं के परिणाम शुक्रवार को दोपहर 1 बजे जारी कर दिए गए। राज्य शिक्षा केंद्र संचालक हरजिंदर सिंह ने परीक्षा पोर्टल पर रिजल्ट बटन दबाकर परीक्षाओं के परिणाम घोषित किए। उन्होंने बताया कि इस साल प्रदेश में कक्षा 5वीं का रिजल्ट 92.70% रहा, जो पिछले साल के 90.97% से बेहतर है। इसी तरह कक्षा 8वीं का रिजल्ट 90.02% रहा, जो पिछले साल के 87.71% से ज्यादा है।
लड़कियों का बेहतर प्रदर्शन
कक्षा 5वीं में लड़कियों का पास प्रतिशत 94.12% और लड़कों का 91.38% रहा। वहीं, कक्षा 8वीं में लड़कियों का पास प्रतिशत 91.72% और लड़कों का 88.41% रहा।
परिणाम के अनुसार शीर्ष 10 जिले
कक्षा 5वीं के परिणाम में शीर्ष 10 जिले: शहडोल, चंबल, नर्मदापुरम, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, रीवा, सागर और भोपाल।
कक्षा 8वीं के परिणाम में शीर्ष 10 जिले: नरसिंहपुर, अलीराजपुर, रीवा, झाबुआ, बालाघाट, अनूपपुर, सीहोर, डिंडोरी, बड़वानी और मंडला।
ऑनलाइन परिणाम देखने की सुविधा
विद्यार्थी अपना परीक्षा परिणाम राज्य शिक्षा केंद्र की वेबसाइट
https://www.rskmp.in/result.aspx पर देख सकते हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक हरजिंदर सिंह के अनुसार विद्यार्थी, अभिभावक और शिक्षक अपने रोल नंबर/समग्र आईडी के जरिए राज्य शिक्षा केंद्र के आधिकारिक पोर्टल (www.rskmp.in/result.aspx) पर परिणाम देख सकेंगे। शिक्षकों और संस्था प्रमुखों के लिए स्कूल स्तर के परिणाम भी इसी पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे। इसके अलावा क्यूआर कोड के जरिए भी परिणाम का लिंक उपलब्ध कराया जा रहा है।
इस अवसर पर निदेशक हरजिंदर सिंह ने कहा कि हमारा प्रयास बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सीखने के अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के स्तर की वास्तविक स्थिति के अधिकतम आंकड़ों का विश्लेषण करने में मध्य प्रदेश देश का अग्रणी राज्य बनने जा रहा है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के बेटे-बेटियां अब कमजोर नहीं हैं, यह इन परीक्षाओं के परिणामों से स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही परीक्षा में अनुत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों के लिए शीघ्र ही पुनः परीक्षा आयोजित की जाएगी। जिसमें जिस विषय में अनुत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को उसी विषय में पुनः परीक्षा देनी होगी।
1 लाख से अधिक स्कूलों के करीब 23 लाख विद्यार्थियों ने दी है परीक्षा
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष प्रदेश के 1 लाख 12,323 शासकीय एवं निजी स्कूलों तथा मदरसों के करीब 23 लाख विद्यार्थी इन परीक्षाओं में शामिल हुए थे। जिनमें से 95417 स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों के तथा 16906 स्कूल शहरी क्षेत्रों के हैं। इनमें 86553 शासकीय, 25101 निजी स्कूल तथा 669 मदरसे शामिल हैं। कक्षा 5वीं के कुल 11,17961 विद्यार्थियों में से 8,24598 ग्रामीण तथा 2,93363 विद्यार्थी शहरी क्षेत्र से हैं। वहीं कक्षा 8वीं के कुल 11,68866 विद्यार्थियों में से 8,35733 ग्रामीण तथा 3,33133 विद्यार्थी शहरी क्षेत्र से हैं।
प्रश्नपत्रों की जिलेवार तैयारी, 12623 केन्द्रों पर परीक्षा, 322 केन्द्रों पर मूल्यांकन
इस वर्ष सम्पूर्ण परीक्षा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने कड़ी मेहनत कर तकनीक समर्थित रणनीति तैयार की थी। जिसके तहत प्रत्येक जिले के लिए प्रश्नपत्रों के अलग-अलग सेट तैयार किए गए थे। विद्यार्थियों की सुविधा के अनुसार 12623 सर्वसुविधायुक्त विद्यालयों में परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे। बोर्ड पैटर्न पर उत्तर पुस्तिकाएं एक विकासखण्ड से दूसरे विकासखण्ड तथा जिला मुख्यालय की उत्तर पुस्तिकाएं मूल्यांकन के लिए जिले के डाइट केन्द्र पर भेजी गई थी। इनके मूल्यांकन के बाद 322 मूल्यांकन केंद्रों से मोबाइल एप पर अंकों की ऑन स्पॉट एंट्री कर परीक्षा परिणाम तैयार किया गया है। पारदर्शी, लीक प्रूफ और समयबद्धता के साथ सफल परीक्षा व्यवस्था के लिए संचालक राज्य शिक्षा केंद्र ने शिक्षकों और विभाग के अन्य सहयोगियों का आभार व्यक्त किया है।
इतने बच्चे हुए शामिल
दोनों कक्षाओं की परीक्षा 24 फरवरी से 5 मार्च के बीच हुई थी। जिसमें प्रदेश के निजी और सरकारी स्कूलों, पंजीकृत मदरसों के कक्षा 5वीं के 11 लाख 17 हजार से अधिक और कक्षा 8वीं के 11 लाख 68 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। 22 लाख 85 हजार से अधिक विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए कुल 322 केंद्र बनाए गए थे। जहां 1 लाख 19 हजार से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं ने पोर्टल पर अंकों की ऑनलाइन एंट्री की है।
यह भी देखें
परीक्षा 24 फरवरी से 5 मार्च 2025 के बीच आयोजित की गई थी।
इसमें कक्षा 5 के 11.17 लाख और कक्षा 8 के 11.68 लाख विद्यार्थी शामिल हुए थे।
कुल 322 मूल्यांकन केंद्रों पर 1.19 लाख से अधिक शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया।
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