मध्यप्रदेश से 5 सांसद मोदी कैबिनेट में बने मंत्री: सभी सीट जीतने का मिला इनाम, शिवराज-सिंधिया का रहेगा जलवा, जानिए इन सभी के बारे में…
5 MPs from Madhya Pradesh become ministers in Modi cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 3.0 कैबिनेट ने 9 मई को शाम 7.15 बजे शपथ ली। हिंदी पट्टी के राज्यों में एमपी एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां बीजेपी ने सभी 29 सीटें जीती हैं। मोदी ने कैबिनेट में इसका भी ख्याल रखा है। पहली बार पीएम मोदी के साथ मध्य प्रदेश से 5 मंत्रियों ने शपथ ली है।
जिसमें शिवराज सिंह चौहान, सावित्री ठाकुर, दुर्गादास उइके, ज्योतिरादित्य सिंधिया और वीरेंद्र कुमार खटीक शामिल हैं। मोदी कैबिनेट से दिल्ली और भोपाल की राजनीति में क्या बदलाव आएगा? किसका कद बढ़ेगा, किसका घटेगा? शिवराज के दिल्ली जाने से डॉ. मोहन यादव पर क्या असर पड़ेगा?
आइये जानते हैं उनके बारे में…
1. शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान ने पहली बार केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शिवराज सिंह चौहान को मोदी कैबिनेट की शपथ दिलाई. आपको बता दें शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के 4 बार के मुख्यमंत्री हैं. इसके साथ ही वे छठवीं बार सांसद चुने गए हैं. इस चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस प्रत्याशी को करीब 8 लाख से भी अधिक वोटों से चुनाव हराया है.
राजनीति में कदम रखने से पहले उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में कार्यकर्ता के रूप में कार्य किया था. चौहान छह बार विदिशा सीट से सांसद हैं, जहां से कभी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज जैसे नेता सांसद थे. प्रदेश में मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभालने से पहले शिवराज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
2. ज्योतिरादित्य सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मोदी कैबिनेट में दूसरी बार शपथ ली है. साल 2020 में दलबदल के बाद सिंधिया को मोदी कैबिनेट में जगह दी गई थी. आपको बता दें सिंधिया ने इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राव यादवेंद्र सिंह को करीब 5 लाख वोटों से चुनाव हराया है. पिछले कार्यकाल के दौरान सिंधिया को केंद्रीय नागर उड्डयन मंत्री बनाया गया था. अब देखना होगा कि इस बार उन्हें कौन सा मंत्रालय मिलता है, लेकिन फिलहाल जानकारी के मुताबिक उन्होंने मोदी मंत्रिमंडल में जगह पक्की कर ली है.
3. वीरेंद्र कुमार खटीक
टीकमगढ़ लोकसभा सीट से चुनकर आने वाले वीरेंद्र खटीक ने भी आज पद और गोपनीयता की शपथ ली है. वीरेंद्र कुमार खटीक 1996 से लेकर 2009 तक लगातार सागर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए है. साल 2009 में परिसीमन के बाद टीकमगढ़ सीट अस्तित्व में आई. तभी से वीरेंद्र खटीक टीकमगढ़ लोकसभा सीट से चुनते आ रहे हैं.
सितंबर 2017 में मोदी सरकार के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में केंद्रीय राज्य मंत्री बने थे. वीरेंद्र कुमार 17वीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर चुने गए थे. उन्होंने ही प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी को सांसद पद की शपथ दिलाई थी.
4. सावित्री ठाकुर
धार लोकसभा सीट से दूसरी बार चुनकर आई सावित्री ठाकुर मूल रूप से आदिवासी समुदाय से आती हैं. यही कारण है कि उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. आपको बता दें सावित्री ठाकुर ने इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को करीब 2 लाख वोटों से चुनाव हराया है. मध्य प्रदेश से 6 महिला सांसद चुनकर आईं हैं. उनमें से सावित्री ठाकुर एकलौती सांसद हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है.
5. दुर्गादास उईके
बैतूल सांसद ने 2024 में बैतूल लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रामू टेकाम को 3 लाख 79 हजार 761 वोटों से हराया है. बैतूल में बंपर जीत के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी गई है. उईके दलित वर्ग से आते हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि जातिगत समीकरणों को साधने के लिए उन्हें कैबिनेट में शामिल किया गया है.
अब जानिए मोदी 1.0 से 2.0 तक कैबिनेट में मध्य प्रदेश को कितनी अहमियत मिली?
मोदी कैबिनेट 1.0: 2014 में मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में पहले दिन सुषमा स्वराज, नरेंद्र सिंह तोमर और थावरचंद गहलोत ने शपथ ली थी। बाद में फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेंद्र कुमार खटीक, अनिल माधव दवे और प्रहलाद पटेल को शामिल किया गया। इसके अलावा एमपी से राज्यसभा सांसद प्रकाश जावड़ेकर को भी मंत्री बनाया गया।
मोदी कैबिनेट 2.0: 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पीएम मोदी के साथ नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रहलाद पटेल ने शपथ ली थी। मोदी के साथ 57 मंत्रियों ने शपथ ली थी। बाद में इस्तीफा देने के बाद गहलोत को राज्यपाल बनाया गया था। 7 जुलाई 2021 को हुए कैबिनेट विस्तार में सिंधिया और वीरेंद्र खटीक को शामिल किया गया था। इसके अलावा एमपी कोटे से राज्यसभा सांसद धर्मेंद्र प्रधान और एल मुरुगन को भी कैबिनेट में जगह मिली थी।
मोदी कैबिनेट 3.0: 2024 में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में यह पहला मौका है जब एमपी से एक साथ 5 मंत्रियों ने शपथ ली है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इससे पता चलता है कि मोदी कैबिनेट में मध्य प्रदेश का वजन बढ़ रहा है। साफ है कि मोदी ने एमपी पर पूरा ध्यान दिया है।
यूपीए-1 और यूपीए-2 सरकार में कितनी अहमियत
2004 की यूपीए-1 सरकार में अर्जुन सिंह और कमल नाथ ने मंत्री पद की शपथ ली थी। बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मंत्री बने। जबकि, 2009 की यूपीए-2 सरकार में कमल नाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया को मौका मिला था।
क्या बढ़ेगा शिवराज का कद, कौन सा मंत्रालय मिलेगा?
शिवराज ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली। जैसे ही वे पीएम मोदी का अभिवादन करने पहुंचे, पीएम मोदी ने उनकी पीठ थपथपाई। उनके बगल में बैठे राजनाथ सिंह और अमित शाह ने भी गर्मजोशी से शिवराज का अभिवादन किया।
17 साल तक एमपी के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान को मिली प्रतिक्रिया ने साफ कर दिया है कि दिल्ली में उनका कद बढ़ गया है। शपथ ग्रहण समारोह में मोदी, राजनाथ, अमित शाह, नितिन गडकरी और जेपी नड्डा के बाद शिवराज की कुर्सी पांचवें नंबर पर रही।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद जिस तरह से शिवराज ने कमान संभाली, उससे पहले ही साफ हो गया था कि पार्टी हाईकमान उनके कद से पूरी तरह वाकिफ है। सीएम पद से हटने के बाद भी शिवराज ने प्रदेश में नए नेतृत्व के साथ तालमेल बिठाकर खुद को एक वफादार कार्यकर्ता के तौर पर स्थापित किया।
विधानसभा में जीत के बाद अगले ही दिन शिवराज छिंदवाड़ा पहुंचे। उन्होंने कहा था कि वे मोदी को 29 कमल के फूलों की माला पहनाना चाहते हैं। यानी वे एमपी की सभी लोकसभा सीटें जीतना चाहते हैं।
जब डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया तो शिवराज के राजनीतिक भविष्य को लेकर कयास लगाए जाने लगे, लेकिन लोकसभा चुनाव में शिवराज की लोकप्रियता को देखते हुए खुद प्रधानमंत्री मोदी को कहना पड़ा कि शिवराज और वे एक साथ मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अब वे शिवराज को दिल्ली ले जाना चाहते हैं।
शिवराज ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए कृषि के क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण काम किए हैं। इसके अलावा सीएम बनने के बाद उनकी लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना जैसी गेम चेंजर योजनाओं की चर्चा पूरे देश में हो रही है।
ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवराज को कृषि मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, नगरीय विकास जैसे किसी महत्वपूर्ण मंत्रालय की कमान सौंपी जा सकती है।
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