MP: विदेशी चीतों के बाद एमपी में आ रहे इस राज्य के हाथी, नए मेहमानों की मेजबानी की तैयारियों में जुटा विभाग

STR में बढ़ेगी हाथियों की संख्या
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में वर्तमान में छह हाथी हैं, कर्नाटक से आने वाले हाथियों के बाद ये संख्या बढ़कर दोगुनी हो जाएगी। वहीं, कर्नाटक के नागरहोल टाइगर रिजर्व (मैसूर) के साथ ही तीन स्थानों से यहां पांच और हाथी लाने की बात चल रही है। इसके लिए टेंडर भी जारी हो चुके हैं। हाथियों को लाने में करीब पांच लाख रुपये का खर्च आ रहा है।
कर्नाटक से आ रहे हाथियों का उपयोग सतपुड़ा, पेंच और कान्हा टाइगर रिजर्व में वन्यप्राणियों की सुरक्षा में किया जाएगा। दूसरे राज्य से हाथी लाने के लिए एसटीआर के क्षेत्र संचालक एल कृष्णमूर्ति की अध्यक्षता में विभाग ने कमेटी बनाई थी। कमेटी में कर्नाटक से प्रदेश के लिए कुल 15 हाथी लाने का निर्णय लिया। इस पर विभागीय मुहर के बाद कार्रवाई शुरू हुई है। इनमें से 15 में से 6 हाथी एसटीआर को मिलेंगे। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में धीरे-धीरे वन्यप्राणियों की संख्या में बढोतरी हो रही है। यहां 54 से ज्यादा बाघ हैं। वहीं बारहसिंगा भी काफी तादात में मौजूद हैं। जल्द ही नए हाथी आने के बाद यहां हाथियों की संख्या में इजाफा हो जाएगा।
हाथियों का उपयोग टाइगर रिजर्व में बाघों के रेस्क्यू और पर्यटकों को सैर कराने में लिया गया जाता है। रात के समय पेट्रोलिंग हाथियों की मदद से ही की जाती है। हर साल एसटीआर में सात दिवसीय हाथी महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें हाथियों को विशेष पकवान खिलाए जाते हैं साथ ही मेडिकल परीक्षण भी किया जाता है। एसटीआर में कुछ वक्त पहले तक आठ हाथी थे लेकिन कूनो नेशनल पार्क में सिद्धनाथ और लक्ष्मी को चीतों की नगरानी करने के लिए भेजा गया, जिसके बाद यहां छह हाथी बचे हैं, जिनमें सबसे छोटा हाथी विक्रम है। सबसे बुजुर्ग हथिनी अजुंगम है। STR में 4 हाथी एक ही परिवार के सदस्य है।