बांग्लादेश में हिंसा से 2024 में 1400 की मौत: ज्यादातर मौतें फोर्स की गोली से; प्रदर्शनकारी छात्रों ने नई पार्टी बनाई
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1400 killed in 2024 due to violence in Bangladesh: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने पिछले साल बांग्लादेश में सरकार विरोधी छात्र प्रदर्शनों पर की गई कार्रवाई को लेकर बुधवार को एक रिपोर्ट जारी की। यूएन का दावा है कि इस कार्रवाई में 1400 लोग मारे गए। इनमें से अधिकतर लोगों की मौत के लिए सुरक्षा बलों की गोलीबारी जिम्मेदार है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आंदोलन को दबाने के लिए बांग्लादेशी सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर गोलीबारी, गिरफ्तारी और यातनाएं दीं। यह कार्रवाई राजनीतिक नेतृत्व और शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के आदेश पर की गई। यूएन ने इसे ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ करार दिया है और अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है।
आपको बता दें कि पिछले साल बांग्लादेश में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए छात्रों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया था। इसे दबाने के लिए सुरक्षा बलों ने हिंसा का सहारा लिया था। बाद में हसीना को देश छोड़कर भारत में शरण लेनी पड़ी थी।
हसीना को सत्ता से हटाने वाले आंदोलनकारी छात्रों ने अब एक नई पार्टी (नूतन बांग्लादेश पार्टी) के गठन का ऐलान किया है। छात्र इसके लिए बड़े पैमाने पर योजना बना रहे हैं।
सत्ता हासिल करने की तैयारी में जुटे प्रदर्शनकारी छात्र
आंदोलन के दौरान गठित संगठन भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन और जातीय नागरिक समिति ने कहा है कि वे 25 फरवरी के बाद पार्टी बनाएंगे। इसके लिए छात्र ‘आपकी नजर में नया बांग्लादेश’ अभियान चलाकर जनता की राय ले रहे हैं। छात्र नई पार्टी के जरिए सत्ता हासिल करने की तैयारी में हैं।
भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के संयोजक हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि हमने हसीना की तानाशाही को खत्म कर दिया है, लेकिन तानाशाही के बचे हुए अवशेषों को खत्म करना अभी बाकी है। छात्र नेताओं का कहना है कि लोकतंत्र को संस्थागत बनाने के लिए युवाओं और छात्रों की पार्टी की जरूरत है।
बीएनपी का आरोप है कि नई पार्टी के गठन में अंतरिम सरकार का हाथ है
राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा के बाद अंतरिम सरकार और खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी के बीच दरार पड़ गई है। पार्टी के संयुक्त महासचिव रूहुल कबीर रिजवी ने आरोप लगाया कि यह पार्टी खुफिया एजेंसी की निगरानी में बनाई जा रही है।
बीएनपी का कहना है कि यह नई पार्टी ‘राजा की पार्टी’ है, जिसके गठन में अंतरिम सरकार का हाथ है। बीएनपी ने इस बात पर भी संदेह जताया है कि नई पार्टी स्वतंत्र होगी या सेना की कठपुतली होगी।
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