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MP: नाबालिग से रेप के दोषी को जेल,पीड़िता के परिजनों ने आरोपी के पक्ष में दिए थे बयान,DNA रिपोर्ट ने दिलाई सजा

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छिंदवाड़ा जिले के चौरई के अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग से रेप के दोषी को 10 साल जेल की सजा सुनाई है। मामले की खास बात यह है कि पीड़िता के परिजनों ने आरोपी के पक्ष में बयान दिए थे, लेकिन कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को सजा सुनाई। दरअसल रेप का मामला 2020 का है। नाबालिग पीड़िता के साथ मोहल्ले में ही रहने वाले आरोपी ने रात को बाथरुम जाते समय रेप किया था, बेटी का शोर सुनकर जब मां वहां पहुंची तो आरोपी अखिलेश उर्फ गोलू वर्मा मौके से भाग निकला। पीड़िता ने परिजनों के साथ थाने में जाकर मामले की शिकायत लिखित में दर्ज कराई थी।

पुलिस ने इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर प्रकरण को सुनवाई के लिए चौरई के अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश की न्यायालय में प्रस्तुत किया था। सुनवाई के दौरान नाबालिग पीड़िता, माता-पिता, बुआ, दादी, सरपंच और कोटवार ने न्यायालय में आरोपी के पक्ष में बयान दिए थे। लेकिन न्यायालय ने प्रकरण की डीएनए रिपोर्ट पॉजीटिव होने पर उसके आधार पर आरोपी को नाबालिग पीड़िता के बलात्कार का दोषी पाया। न्यायालय ने आरोपी अखिलेश वर्मा को धारा 450 में पांच वर्ष एवं एक हजार और पॉक्सो अधिनियम में दस वर्ष सश्रम कारावास और दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है । वहीं, न्यायालय ने पीड़ित पक्ष की ओर से झूठे साक्ष्य देने के लिए धारा 344 दप्रस के अंर्तगत मिसलेनियस जुडिशियल केस दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है।
 

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छिंदवाड़ा जिले के चौरई के अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग से रेप के दोषी को 10 साल जेल की सजा सुनाई है। मामले की खास बात यह है कि पीड़िता के परिजनों ने आरोपी के पक्ष में बयान दिए थे, लेकिन कोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को सजा सुनाई। दरअसल रेप का मामला 2020 का है। नाबालिग पीड़िता के साथ मोहल्ले में ही रहने वाले आरोपी ने रात को बाथरुम जाते समय रेप किया था, बेटी का शोर सुनकर जब मां वहां पहुंची तो आरोपी अखिलेश उर्फ गोलू वर्मा मौके से भाग निकला। पीड़िता ने परिजनों के साथ थाने में जाकर मामले की शिकायत लिखित में दर्ज कराई थी।

पुलिस ने इस मामले में पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर प्रकरण को सुनवाई के लिए चौरई के अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश की न्यायालय में प्रस्तुत किया था। सुनवाई के दौरान नाबालिग पीड़िता, माता-पिता, बुआ, दादी, सरपंच और कोटवार ने न्यायालय में आरोपी के पक्ष में बयान दिए थे। लेकिन न्यायालय ने प्रकरण की डीएनए रिपोर्ट पॉजीटिव होने पर उसके आधार पर आरोपी को नाबालिग पीड़िता के बलात्कार का दोषी पाया। न्यायालय ने आरोपी अखिलेश वर्मा को धारा 450 में पांच वर्ष एवं एक हजार और पॉक्सो अधिनियम में दस वर्ष सश्रम कारावास और दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है । वहीं, न्यायालय ने पीड़ित पक्ष की ओर से झूठे साक्ष्य देने के लिए धारा 344 दप्रस के अंर्तगत मिसलेनियस जुडिशियल केस दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी किया है।

 

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