
अनूपपुर। मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिेले से बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. नशे के सौदागरों पर बड़ी कार्रवाई की गई है. पुलिस ने गांजे की बड़ी खेप को पकड़ा है. मिली जानकारी के मुताबिक गांजा तस्कर सफेद रंग की आर्टिका कार से गांजा लेकर ठोडहा बसखली की तरफ से कोतमा के रास्ते बेचने के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने नशे के सौदागरों के मंसूबे पर पानी फेर दिया.
अनूपपुर एसपी अखिल पटेल ने नशे के सौदागरों को पकड़ने के लिए विशेष टीम गठित की. ठोडहा बसखल की तरफ से आने वाले मार्ग पर नाका बंदी की गई. नाकेबंदी के दौरान सफेद रंग की आर्टिका कार से गांजे की जब्ती की गई.
छत्तीसगढ़ तरफ से आते हुई दिखाई दी. कार की गतिविधि संदिग्ध थी. कार में चार व्यक्ति बैठे थे. पुलिस टीम को देखकर चारों अलग-अलग दिशा में भागने लगे, जिसमें से एक व्यक्ति को पुलिस की टीम ने पकड़ लिया, जबकि तीन व्यक्ति मौके से फरार हो गए.
पुलिस ने पूछताछ करने पर राम प्रसाद यादव उर्फ मोहन यादव बताया, जो ताराडांड़ थाने इलाके का निवासी है. इस दौरान गाड़ी की तलाशी लेने पर डिक्की में अवैध गांजा बरामद किया गया. 175 नग खाकी रंग के पैकेट में था, जिसका कुल वजन 180 किलो रखा हुआ पाया गया, जिसकी कीमत 10 लाख 80 हजार रूपये आंकी गई है. इसके साथ ही जब्त कार की कीमत 12 लाख है.
पूछताछ में तस्कर ने बताया कि मैकू यादव उड़ीसा से बिलासपुर तक अर्टिगा वाहन में गांजा लोड कर लाया था. अवैध मादक पदार्थ गांजा राजेश साहू और विश्वनाथ सिंह राठौर का है, जिसे बिलासपुर से अनूपपुर तक लाने के लिए (राम प्रसाद यादव) बिलासपुर बुलाया था.
बिलासपुर से अर्टिका वाहन में राम प्रसाद उर्फ मोहन यादव, विश्वनाथ सिंह राठौर, राजेश यादव और मैकू को बसखल ठोडहा तक लाया था, जो पुलिस को देख कर फरार हो गए. मोहन यादव से गांजा के अवैध तस्करी के संबंध में विस्तृत पूछताछ की जा रही है,
कोतमा पुलिस ने अवैध गांजे की तस्करी करने पर एनडीपीएस एक्ट की धारा 8, 20 बी के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है. आरोपी राम प्रसाद यादव उर्फ मोहन यादव पिता दसुआ यादव उम्र 30 वर्ष निवासी ताराडांड़ थाना कोतवाली जिला अनूपपुर को हिरासत में लिया गया है.
इस कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक अखिल पटेल के निर्देशन में कोतमा एसडीओपी शिवेन्द्र सिंह बघेल और कोतमा थाना प्रभारी अजय कुमार, आरक्षक कृपाल सिंह, शुभम तिवारी, भानू प्रताप सिंह, संजय द्विवेदी और साइबर सेल के आरक्षक राजेन्द्र अहिरवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा.
read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001