छत्तीसगढ़

पीली और सफेद के साथ इतने तरह की होती हैं गाड़ियों की नंबर प्लेट, जानिए पूरी डिटेल

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नई दिल्लीः जब आप सड़कों पर गाड़ियों को दौड़ते देखते हैं तो सबसे पहले ध्यान उसकी नंबर प्लेट पर जाता है, जिससे लोकेशन का अंदाजा लगता है। आपने देखा होगा कि सड़कों पर दौड़ती कारों पर सफेद और पीली रेंग की नंबर प्लेट देखी होंगी। इतना ही नहीं अलग-अलग रंग वाले नंबर प्लेट की गाड़ियां भी आपने जरूर देखी होंगी।

सफेद रंग की प्लेट तो निजी वाहनों पर लगी होती है, जबकि पीले रंग की प्लेट आपने कमर्शियल गाड़ियों पर देखी होंगी। इस बीच कितने तरह की नंबर प्लेट आरटीओ ऑफिस से जारी होती हैं क्या यह आपको जानकारी है। अगर जानकारी नहीं तो फिर हम आसानी से बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे जिससे सभी तरह का कंफ्यूजन आपका खत्म हो जाएगा। क्या आप जानते हैं कि आरटीओ की तरफ से गाड़ियों की नंबर प्लेटें 8 तरह की होती हैं, जो हर किसी को हैरान कर देती हैं। आपको हम सभी तरह की प्लेट के बारे मेमं नीचे बताने जा रहे हैं।

कौन करता है सफेद और पीले रंग की नंबर प्लेट का इस्तेमाल

भारत में सफेद और पीले रंग की नंबर प्लेटें ज्यादातर इस्तेमाल की जाती हैं। इसमें सफेद रंग वाली प्लेट प्राइवेट वाहनों के लिए होती है। इस पर सफेद बैकग्राउंड पर काले रंग के नंबर लिखे होते हैं। इसके साथ ही पीले रंग की प्लेट व्यावसायिक वाहनों के लिए जारी होती है।

आप व्यापारिक मकसद से गाड़ी लेते हैं तो उसके लिए आपको पीले रंग की प्लेट मिल जाएगी। इसमें पीले रंग का बैकग्राउंड और काले रंग के अक्षर लिखे होते हैं। इसके साथ ही काले रंग की नंबर प्लेट पर पीले रंग के नंबर छपे होते हैं। ये प्लेट उन्हें मिलती है, जो सेल्फ-रेंटल व्हीकल लेते हैं। इन वाहनों को भी व्यावसायिक माना जाता है। ड्राइवरों को इसे चलाने के लिए कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत नहीं होती है।

किन्हें मिलती है हरे रंग की नंबर प्लेट

इसके साथ ही भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हरे रंग की नंबर प्लेट का यूज किया जाता है। इन प्लेटों में हरे रंग के बैकग्राउंड पर सफेद रंग के नंबर छपे होते हैं। इसके साथ ही नंबरों का रंग भी 2 तरह का रहता है। निजी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए हरे बैकग्राउंड पर सफेद नंबर छपे होते हैं।

इसके साथ ही नए वाहनों को लाल नंबर प्लेट देने का काम किया जाता है। ये टंपरेटी रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए इस्तेमाल की जाती है। लाल रंग की नंबर प्लेट बताती है कि यह नंबर स्थायी नहीं है। लाल बैकग्राउंड पर सफेद नंबर छपे होते हैं। यह केवल 30 दिनों के लिए वैध होती है। वहीं, नीली नंबर प्लेट का उपयोग उन वाहनों के होता है, जो भारत में विदेशी मिशनों और दूतावासों से संबंधित हैं।

इसके साथ ही राष्ट्रीय चिह्न वाली लाल रंग की प्लेट वाली गाड़ियां दिल्ली की सड़कों पर अधिकतर देखने को मिलती है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, भारतीय राज्यों के राज्यपालों के वाहन, केंद्र शासित राज्यों के लेफ्टिनेंट जनरल के वाहन पर ये नंबर प्लेट होती हैं।

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